Monday, 22 June 2015

इक वक़्त होगा बेवक़्त सा जब तुम मुझसा दीवाना ढूंढोगे।

इक वक़्त होगा बेवक़्त सा जब
तुम मुझसा दीवाना ढूंढोगे।
हिज्र की दीवार पे होकर खड़े
हँसने का बहाना ढूंढोगे।
खोल कर दिल की किताबों में अपनी
खोए इश्क़ का फ़साना ढूंढोगे।
वो वक़्त दूर नहीं अब जब
महफ़िल में अनजाना ढूँढोगे।
यादों के सिलसिले चलेंगे जेहन में तुम्हारे
गीत होगा पर तराना ढूंढोगे।
इक वक़्त होगा बेवक़्त सा जब
तुम मुझसा दीवाना ढूंढोगे।
~©:उमेश "अज़ीब"
22/06/15
1:47 PM

Saturday, 20 June 2015

एक..दो..तीन.

1~
तेरे मेरे दरम्यान
ये जो फ़ासला है इंतज़ार का
इसमें भी एक नजदीकी है 
उम्मीद की...

2~
ये जो अधूरापन है
बिना तुम्हारे जिन्दगी में 
इसमें भी एक अनूठा एहसास है 
सपनों के पूरे होने का...

3~
कदम दर कदम 
तेरा मेरा पास आना
वक़्त दर वक़्त
इस इंतजार का 
हमसे दूर जाना...

~©:उमेश "अज़ीब"
20/06/15
10:55PM

इश्क़ फिजाओं में है...रूह हवाओं में है.

इश्क़ फिजाओं में है
रूह हवाओं में है.

लबों पे दुआ है मेरे 
तू दुआओं में है 

सदा दिशाओं में है 
तू सदाओं में है 

इश्क़ फिजाओं में है
रूह हवाओं में है.

~उमेश "अज़ीब"
19/06/15
11:42 PM

Thursday, 18 June 2015

मुट्ठी भर आसमां

बहुत तसल्ली दे चुके तुझे ए दिल
अब,
हासिल-ए-ज़मा चाहिए

फ़कत इक चिंगारी से कुछ न होगा
अब,
दिल में धधकती शमां चाहिए

दो गज़ जमीं नहीं 
अब, 
मुट्ठी भर आसमां चाहिए.

~उमेश"अज़ीब" 

Wednesday, 17 June 2015

एक ही बात है।

चाँद का फलक पर छा जाना
और
तुम्हारा मेरे दिल पर
एक ही बात है
तुम्हारा मेरे आगोश में समाना
या
बादल में चाँद का छिप जाना
एक ही बात है
कितनी "अज़ीब" हैं ये
कल्पनायें तुम्हें पा लेने की
शायद
सुबह के स्वप्न से भी सुन्दर...
क्योंकि
तुम्हारा मेरी जिंदगी में आना
या
किसी अधूरी ख़्वाहिश का पूरा हो जाना
एक ही बात है।
~उमेश "अज़ीब"
12/06/15
10:54PM