माछापुच्छी को चूलि मा ह्युं खत्त्यो
गंडक को चिस्यो पानी
मौ छुं तिम्रो मन को राजा
तिमि मेरो मन की रानी,
तिमिले दियो पिरती को ज्ञान
मौ बनी गयो ज्ञानी
यो मन को तिर्खा लागी
कां पाएंछ रूप को पानी?
मलाई दीदेऊ तिम्रो जोबन
भैई जाओ दानी
मौ छुं तिम्रो मन को राजा
तिमि मेरो मन की रानी,
माछापुच्छी को चूलि मा ह्युं खत्त्यो
गंडक को चिस्यो पानी (नेपाली)....उमेश चन्द्र पन्त "अज़ीब"....
गंडक को चिस्यो पानी
मौ छुं तिम्रो मन को राजा
तिमि मेरो मन की रानी,
तिमिले दियो पिरती को ज्ञान
मौ बनी गयो ज्ञानी
यो मन को तिर्खा लागी
कां पाएंछ रूप को पानी?
मलाई दीदेऊ तिम्रो जोबन
भैई जाओ दानी
मौ छुं तिम्रो मन को राजा
तिमि मेरो मन की रानी,
माछापुच्छी को चूलि मा ह्युं खत्त्यो
गंडक को चिस्यो पानी (नेपाली)....उमेश चन्द्र पन्त "अज़ीब"....
No comments:
Post a Comment