Sunday 3 June 2012

युवा


सड़क के किनारे
पुराने से मकान
की तीसरी मंजिल 
पर बने हाल 
की दूसरी 
टेबल को
घेर कर जुटे हुए 
कुछ युवा
स्नूकर के
प्लस, माईनस
के गणित 
में उलझे हुए
फेरारी की तेज़ी  
और
अवतार के एनीमेशन
के जादू में 
फंसे हुए
रुपये की
गिरावट 
डालर की मजबूती 
के चर्चों के बीच
गंभीर
पेशानों पर लकीरें 
बनाते हुए

पर दूसरे ही पल
युवतियों की बातें 
ट्रिपल एक्स डीवीडी 
और सिगरेट 
के कशों 
से निकले हुए 
धुएं 
के गुब्बारों 
के साथ 
मिले जुले 
ठहाकों के स्वरों 
को जोड़ते हुए,

खिलंदड़ा 
स्वभाव 
लड़कपन 
को साथ लेकर
युवा जोश पर 
हावी
 होता
 चला
 गया
 है....उमेश चन्द्र पन्त 'अज़ीब
(०३ जून २०१२ रात्रि ११ बजकर ३१ मिनट)

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