Wednesday 21 December 2011

तालीम


हम तालीम लेते हैं
हर तरह से
हर तरीके की तालीम
ताउम्र लेते रहते हैं
कुछ न कुछ
किसी न किसी तरह की तालीम
हर लम्हा, हर वक़्त
दरजा दर दरजा
कदम दर कदम
लेते हैं, तालीम
अलग-अलग काफ़िया
पढ़ते हैं
सीखते हैं
कुछ नया
हर दफा
कोई नया काफ़िया
पढ़ते हैं
रखते हैं अपना नज़रिया, उस पर
देते हैं अपनी राय
संजीदगी से उस पर
और कभी-कभी बेबाकी से भी
पाते हैं हम कई-कई सनद अपने तालीमों से
वजीफ़े भी दिलाती है, तालीम हमको
इन सब बातों के बीच
शायद हम भूल जाते हैं
तालीम लेना
मुहोब्बत की
इंसानियत की

और उससे ज्यादा हम भूल जाते हैं लेना 
इंसान होके भी इंसान होने की ""तालीम"

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