Saturday 20 June 2015

एक..दो..तीन.

1~
तेरे मेरे दरम्यान
ये जो फ़ासला है इंतज़ार का
इसमें भी एक नजदीकी है 
उम्मीद की...

2~
ये जो अधूरापन है
बिना तुम्हारे जिन्दगी में 
इसमें भी एक अनूठा एहसास है 
सपनों के पूरे होने का...

3~
कदम दर कदम 
तेरा मेरा पास आना
वक़्त दर वक़्त
इस इंतजार का 
हमसे दूर जाना...

~©:उमेश "अज़ीब"
20/06/15
10:55PM

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